वानी

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मीरा को लगी गोली

चैप्टर 18 मीरा को लगी गोली

अब तक आपने पढ़ा रिहान अबीर के पास चला जाता है अबीर और रणधीर दोनो अपनी पूरी ताकत लगा कर मीरा तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे महेंद्र मीरा से कहता है की वो राहुल को मारदे लेकिन वो उससे कहती है वो राहुल को जाने दे


अब आगे

"फैक्ट्री"

महेंद्र कहता है "सारे फसाद की जड़ ये लड़का है ,आखिर तुम दोनों क्यों इसके पीछे अपनी जान देने पर अडी हो, अब भी वक्त है मार दे इसे मै तुझे जाने दुंगा"

मीरा गुस्से में कहती है "मैंने कहा खोल उसे और रही बात मेरे जिने की, मै मर भी गयी ना तबभी तु उसे नहीं छू सकता"

महेंद्र उसे घूरते हुए कहता है "अगर उसे सच्चाई पता चली तो वो नफरत करेगा तुझसे ये तु जानती है"

मिरा मुस्कुरा कर राहुल को देखते हुए कहती है "उसकी जान की सलामती के लिए अगर उसकी नफरत झेलनी पडे तो वो नफरत भी मंजूर है"

महेंद्र एक शैतानी मुस्कान के साथ कहता है "तु जानती है उसके अंदर किसका खुन है"    मीरा वैसे ही कहती है "पर तु भुल रहा है उसकी परवरिश मैने की है, वो मेरा बेटा है अब उसे खोल वरना मैं तेरी खोपड़ी खोल दुंगी"

महेंद्र थोड़ा डर जाता है और अपने आदमी को राहुल को खोलने को कहता है मिरा राहुल से कहती है "तुम जाओ यहाँ से"

राहुल कहता है " नहीं मां आप भी चलो"  मिरा थोड़ा सोचकर "ठीक है और एम डी तु साथ चल और उसके सर पर बंदुक रख देती है"

मीरा फिर कहती है "अपने सारे आदमी को बोल अंदर जाए" महेंद्र अपने सभी आदमी को अंदर जाने के लिए कहता और राहुल दरवाजा बंद कर देता है"

"मिरा राहुल की तरफ देख रही थी तभी महेंद्र ने उसके हाथ से गन छीन लेता है सब इतनी जल्दी हुआ की मिरा समझ ही नहीं पाई"

महेंद्र अब बोल "मिरा अब इसे तो मैं मारूंगा ही लेकिन तुझे भी नहीं छोडुंगा"    मिरा मुस्कुरा रही थी उसे एसे हसते देख महेंद्र कहता है "लगता है मौत सामने देख पागल हो गयी"  "वो आगे कुछ बोलता उससे पहले मिरा उसके हाथ पर लात मारकर गन दुर उछाल देती है और एक घुसा जड़ देती है"    और उसके सिने पर पैर रखकर कहती है "तु भुल रहा है एम डी मै एक आर्मी आफिसर की बेटी हूँ ,और कहानी फिर नहीं दोहरायी जाएगी" और अपनी कमर से चाकू निकाल लेती है और उसके हथेली पर रख देती है "इसी हाथ से मारा ना तुने मेरे बच्चे को और उसकि हथेली काट देती है"

और उसे मारने लगती है राहुल उसके हाथ पर अपना पैर रखकर मसलने लगता है "तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी माँ को हाथ लगाने की"

"अब तक महेंद्र कि हालत खराब हो गयी थी"

"मिरा की नज़र फैक्ट्री के दरवाजे पर गयी जो खुलने ही वाला था मिरा राहुल का हाथ पकड़ लेती है "भाग राहुल" लेकिन तब तक दरवाजा खुल जाता है और सारे आदमी बाहर आ जाते हैं मिरा राहुल को अपने पिछे कर लेती है और कहती है "राहुल मै इन्हें रोकती हू तू जा"

और वो पास में पड़ी लाठी उठा लेती है राहुल कहता है "नहीं मै नहीं जाउँगा, मैं आपको प्रोटेक्ट कर सकता हूँ"

मिरा उसे घूरते हुए कहती है " तुझे मेरी कसम है राहुल जा यहाँ से" मिरा के बहुत समझाने पर राहुल मान जाता है लेकिन तब तक महेंद्र के आदमी पास आ चुके थे मिरा राहुल का हाथ पकड़ लेती है और भागने लगती है ,गुंडे महेंद्र के पास आते है" तो महेंद्र कहता है

"ये लड़का बचना नहीं चाहिए" तो गुंडे मिरा की परफ बढ जाते हैं जब मिरा सूनती  है तो वो राहुल को वहा से भगा देती है राहुल नहीं मानता है तो मिरा गन अपने सर पर लगा देती है फिर कहती है " चले जा यहा से"

राहुल वहा से चला जाता है वो थोड़ी दुर ही गया था कि उसे गोली चलने की आवाज आती है वो पिछे मुड़कर देखता है तो गोली मिरा की बाजू में लगी थी अचानक दुसरी गोली चलती है जो मिरा ने चलाइ थी मिरा 5 लोगों को तो मार देती है लेकिन अब उसकी बंदुक में गोली खतम हो गयी थी ,वो लाठी उठा लेती है और उन लोगो को मारने लगती है अब राहुल और मिरा लडने लगते हैं"

तभी मिरा की नजर महेंद्र पर पडती है जो राहुल पर निशाना लगा रहा था, मिरा राहुल को धक्का दे देती है जिस्से राहुल थोड़ी दूर गिरता है और गोली मिरा के दिल के पास लग जाती है, कुछ पल के लिए बस खामोशी छा जाती है मिरा गिरती तभी वहाँ बहुत सी गोली चलने की अवाज आती है और मिरा किसी की बांहों में आ जाती है वो अपनी आंखे खोल कर देखती है तो ये शौर्य था।

शौर्य जैसे ही यहाँ पहुँचा तब तब महेंद्र ने गोली चला दी थी, मिरा बेसुध सी उसकी बांहों में गिर जाती है वो लम्बी लम्बी सांस ले रही थी , उसकी आंखो में आंसू आ जाते है वो अपनी लड़खड़ाती आवाज में कहती है "शौर्य मेरा बेटा"

इतना कहकर वो बेहोश हो जाती है शौर्य उसे उठा कर गाड़ी में बैठ जाता है और रौनी (उसका डराईवर) को कहता है "10 मिनट में होस्पिटल चल और राहुल को गाड़ी में बैठने को कहता है"

जब रंधीर और अबिर वहाँ पहुँचते हैं तो वो भी ये सब देख घबरा जाते हैं  शौर्य की गाड़ी में मिरा हल्की बेहोशी में होती है"

"शौर्य फोन" मीरा कहती है तो शौर्य कहता है " मिरा तुम आराम करो ,हमे होस्पिटल चल रहे हैं" मिरा ज़िद करते हुए कहती है "नहीं फोन"

शौर्य उसे फोन दे देता है मिरा फोन करती है  "उसकी अवाज़ लडखडा रही थी.... र.. र... रिहान होस्पिटल रंधीर" और उसके हाथ से फोन गिर जाता है और वो अपनी आंखे बंद कर लेती है

"होस्पिटल में"

डाॅक्टर मिरा को चेक करते हैं और बाहर आते है "मिस्टर सिंघानिया गौली दिल के बहुत पास लगी है, हम अपनी पुरी कोशिश करेंगे लेकिन उनके बचने के चांसेस सिर्फ पच्चीस परसेंट है"

शौर्य उसका कोलर पकड़ लेता है "अगर उसे कुछ हुआ तो मैं तेरे होस्पिटल को आग लगा दुंगा समझा".

रंधीर शौर्य को डाॅक्टर से दुर करते हुए कहता है "शौर्य छोड़ दो उसे जितनी देर होगी खतरा उतना बढेगा आप जाइए"

"डाॅक्टर फोर्मेलिटि पुरी करने के लिए बोल कर चले जाते हैं राहुल किसी से कुछ नहीं बोलता है वो चुप चाप बेंच पर बैठा ओटी के बाहर जल रहे लाल रंग के बल्ब को घुर रहा होता है"  अबिर उसके पास आता है और कहता है "वो ठिक हो जाएगी"

राहुल कुछ नहीं बोलता है वो वैसे ही मुरत की तरह बैठा रहता है कुछ देर बाद रिहान वहा गोरी के साथ आता है.

"रिहान रंधीर से पूछता है "डैड प्रींसीमा कहाँ है"

क्या मीरा बच पाएगी? क्या यही अंत है मीरा और शौर्य की कहानी का? आखिर क्या सच्चाई है राहुल की? क्यों महेंद्र राहुल को मरना चाहता है? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी"

....... बाय बाय........

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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3 Comments

Abhilasha Deshpande

13-Aug-2023 10:32 PM

Nice part

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अदिति झा

17-Jul-2023 11:55 AM

Nice 👍🏼

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Gunjan Kamal

17-Jul-2023 01:55 AM

👏👌

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